रात सिर्फ रात को नहीं होती
सूरज भी अँधेरा होता है तेरे बिना
और जब तू हंसके बोलती है
तो रात भी उजागर हो जाती है
मेरे दिन मेरी रातें मेरे ख्वाब मेरी साँसे
सब तेरी खुशी और तेरे गम के साथ
साँस लेते हैं कभी सिसकीयों में कभी कहकहों में
तेरे को हर वक्त दिल के साथ लगा के
इस जलनें इस जीनें इस रहने
इस प्यार, इस ललक, इस पागलपन
को तुम या ज़माना कुछ भी कहे
में तो इसे तुम्हारा जीत कहता हूँ
Saturday, October 25, 2008
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1 comment:
hi
nice blog
see you later
LIVE LIFE KINGSIZE
MIT
http://realityviews.blogspot.com/
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